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वन मंडल अधिकारी टीकमगढ़ की विशेष कृपा पात्र स्थापना शाखा प्रभारी की लापरवाही के चलते, अल्प वेतन भोगी कर्मचारियों के बेरंग हुए त्यौहार


टीकमगढ ।  वन मंडल अधिकारी कार्यालय टीकमगढ़ में कार्यरत तृतीय श्रेणी लिपिक  श्रीमती सीता यादव स्थापना शाखा प्रभारी की लापरवाही के चलते, वन विभाग के टीकमगढ़ एवं निवाड़ी जिले के अल्प वेतन भोगी कर्मचारियों जिनमें स्थाई कर्मचारियों के त्योहार बेरंग और फीके पड़ गए । इनके अलावा नियमित कर्मचारियों को भी कर्जा लेकर त्योहार की व्यवस्था करनी पड़ी, क्योंकि किसी को भी यह भरोसा नहीं था कि उनकी वेतन दीपावली के पहले आ जाएगी। और त्यौहार के दिन कोई पैसा उधार नहीं देता, इसी कारण पहले ही कर्जा लेकर त्योहार की तैयारी की। लेकिन दोनों जिले के अल्प वेतन कर्मचारी जिनकी वेतन ही बहुत कम है, और उसके बाद भी देश के सबसे बड़े त्योहार जिनमें , नवरात्रि की अष्टमी, नवमी , दशहरा , शरद पूर्णिमा , करवा चौथ एवं दीपावली जैसे महत्वपूर्ण और खर्च वाले त्यौहार शामिल हैं। सारे त्यौहार फीके पड़ गए, केवल एक कर्मचारी की लापरवाही और गलती के चलते।
नाम ना छापने  की शर्त पर कुछ स्थाई कर्मचारियों द्वारा बताया गया कि हमारे घर में त्यौहार मनाया ही नहीं गया, केवल पूजा की, ना पटाखे जलाए गए, ना घर को सजाया जा सका, ना ही मिठाइयों बनी । बड़ी मुश्किल से कर्जा लेकर केवल नाम के लिए पूजा की गई। स्थापना शाखा प्रभारी की गलती के कारण अल्प वेतन भोगी श्रमिकों के त्योहार फीके हुए, उसको सजा मिलनी चाहिए, ताकि भविष्य में ऐसी गलती ना की जाए।
दशहरा, करवा चौथ, शरद पूर्णिमा तो छोड़िए, दीपावली जैसे त्योहार पर भी वेतन का भुगतान विभाग द्वारा नहीं किया जाना बेहद ही शर्म की बात है। सैकड़ों कर्मचारियों ने इस बार कई त्यौहार खून के घूंट पीकर मनाए हैं।  निवाड़ी एवं टीकमगढ़ अंतर्गत कार्यरत स्थाई कर्मचारियों की वेतन का भुगतान दिवाली पर्व निकल जाने के उपरांत किया गया। यही स्थिति नियमित कर्मचारियों की वेतन की भी  हुई, जो 15 से 17 अक्टूबर के बीच भुगतान की गई ।
मुख्यमंत्री और कलेक्टर के आदेशों की खुलेआम उड़ाई गई धज्जियां
ज्ञात हो कि पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आदेश जारी किए थे कि कर्मचारियों की वेतन का भुगतान 1 से 5 तारीख के बीच हो जाना चाहिए, और यदि कोई महत्वपूर्ण त्यौहार पड़ता है, तो वेतन का भुगतान माह की 1 तारीख को हर हाल में हो जाना चाहिए। पूर्व मुख्यमंत्री के आदेश को बरकरार रखते हुए , वर्तमान मुख्यमंत्री मोहन यादव ने भी त्योहारों को दृष्टिगत रखते हुए, माह की 1 तारीख को कर्मचारियों की वेतन भुगतान के आदेश जारी किए थे । इसके अलावा जिला कलेक्टर द्वारा भी समय पर वेतन भुगतान हेतु दिशा निर्देश जारी किए थे। परन्तु वन विभाग की लापरवाह और निरंकुश एवं वनमण्डल अधिकारी की विशेष कृपा पात्र स्थापना शाखा प्रभारी द्वारा किसी के भी आदेश को तवज्जो नहीं दी गई, केवल अपनी मनमर्जी से काम किया । जिसका परिणाम ये हुआ कि जिले के सैकड़ों वन कर्मचारियों के आधा दर्जन त्यौहार , जो साल में एक बार ही आते हैं, जिनके आने से दुखी व्यक्ति का जीवन भी खुशियों से भर जाता है। इस बार सुखी कर्मचारियों का जीवन भी प्रकाश के पर्व पर अंधकारमय रहा।
देखना ये है कि क्या वरिष्ठ अधिकारी ऐसे लापरवाह शाखा प्रभारी पर अपनी दया दृष्टि बरकरार रखते हैं, या लापरवाही की सजा देते हैं। वैसे विभाग के कर्मचारियों का कहना है कि कोई कार्यवाही नहीं होगी, क्योंकि वरिष्ठ अधिकारियों की विशेष कृपा दृष्टि संबंधित शाखा प्रभारी पर है।
शिकायत के बाद ना कार्यवाही की जाती है, ना ही सूचना के अधिकार के तहत स्थापना शाखा प्रभारी से संबंधित कोई जानकारी प्रदान की जाती है
विभागीय सूत्रों द्वारा प्राप्त जानकारी के अनुसार वर्तमान स्थापना शाखा प्रभारी की नियुक्ति के संबंध में कई बार , कई लोगों द्वारा आरटीआई के माध्यम से जानकारी मांगी गई थी, जिसे देने से इनकार कर दिया गया । इसके अलावा एक समाजिक कार्यकर्ता द्वारा लिखित रूप में भी इनकी नियुक्ति की संबंध में लगभग 2 माह पूर्व  वनमण्डल अधिकारी एवं उपवनमंडल अधिकारी से शिकायत की गई, परंतु राजनैतिक संरक्षण एवं वनमण्डल अधिकारी की कृपा पात्र होने के कारण आज दिनांक तक ना तो लिखित शिकायत पर कोई कार्यवाही की गई, ना ही सीएम हेल्पलाइन 181 की शिकायतों पर कार्यवाही की गई। जबकि सीएम हेल्पलाइन की शिकायत को बिना शिकायतकर्ता की सहमति और बिना जांच के ही फोर्स क्लोज कर दिया गया ।।

इनका कहना है
हम सभी अल्प वेतन भोगी स्थाई कर्मचारी मामूली वेतन पर काम करते हैं। और वेतन के भरोसे ही हमारे घर परिवार का भरण पोषण बड़ी मुश्किल से हो पा रहा है। क्योंकि हमें कोई अन्य या ऊपरी कमाई नहीं होती है। ऐसे में दीपावली, दशहरा, दुर्गा अष्टमी, शरद पूर्णिमा , करवा चौथ और दीपावली जैसे पावन और वार्षिक त्योहारों पर वेतन ना मिलना बहुत ही गंभीर मामला है। मेरे जैसे सैकड़ों छोटे कर्मचारियों की वेतन ना मिल पाने से , कई परिवारों ने त्यौहार नहीं मनाया, यह बहुत ही दुखद और शर्मनाक बात है।  पिछली बार रक्षा बंधन  के पावन त्योहार पर भी इसी प्रकार देर से वेतन का भुगतान किया गया था। अब यह बात समझ से परे है कि क्या जानबूझकर त्योहारों पर छोटे कर्मचारियों को परेशान किया जाता है, या कोई और बात है। जो भी है, अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है। पूरे विश्व में मनाए जाने वाले त्यौहार पर ऐसा कृत्य किया गया। स्थापना शाखा प्रभारी से इस संबंध में बात की तो उनके द्वारा बोला गया कि यहां से वेतन की प्रक्रिया कर दी गई है, अब ट्रेज़री से भुगतान होगा। ट्रेज़री में पता किया तो जानकारी प्राप्त हुई कि स्थापना शाखा प्रभारी द्वारा कोई गलती की, जिसके चलते वेतन भुगतान नहीं हो पा रही है। जबकि शासन के स्पष्ट निर्देश हैं कि माह की 5 तारीख के पहले हर हाल में वेतन भुगतान हो ही जाना चाहिए। में सिर्फ इतना कहना चाहता हूं कि आगे से ऐसी लापरवाही ना दोहराई जाए, हर माह समय से वेतन मिले, जिससे हमारे कर्मचारियों को परेशानी का सामना ना करना पड़े ।

आनंद भटनागर
जिला अध्यक्ष, स्थाईकर्मी कल्याण संघ
जिला टीकमगढ़

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