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कई जन्मों के पुण्यो के उदय से भगवान शिव की भक्ति प्राप्त होती है :: गृहस्थ संत केशव गिरि जी



सागर। विश्व एंव राष्ट्र कल्याण की भावना से उपनगरीय क्षेत्र मकरोनिया स्थित के रजाखेड़ी में पार्षद  बलवंत सिंह ठाकुर के आगन में हो रहे पार्थिव शिवलिंग निर्माण के प्रथम दिवस में श्री शिव कथा सत्संग में ब्रम्हलीन संत पंडित देवप्रभाकर शास्त्री दद्दा जी का अनुशरण करते हुए राष्ट्र कल्याण एव विश्वकलयाण हेतु दो दिवसीय शिवलिंग निर्माण के साथ शिवमहापुराण सतसंग आयोजन किया जा रहा है। ग्रहस्थ संत पंडित केशव महाराज ने भक्तो को शिवमहापुराण श्रवण करते हुए कहा कि भगवान शंकर मुक्ति के देवता है। साथ ही भगवान शिव दैत्य, दानव, ॠषि, मुनि, मनुष्य,चाहे कोई भी हो सभी को समान दृष्टि  से देखते है। जब देवताओ ने अमर होने हेतु अमृत पिया तो सारे देवता देव कहलाए लेकिन जन कल्याण के खातिर भगवान शिव ने विष का पान किया जिस कारण वे महादेव कहलाए। इसलिए देवो के देव महादेव अनादि  और अनंत है । प्रत्येक देवी- देवताओ की जन्म कथाएं प्रचलित है किन्तु महादेव अजन्मे है अर्थात वो इस सृष्टि की रचना से पहले से है जब यह सृष्टि समाप्त हो जाएगी तब केवल महादेव ही होगे। शिव के साथ जब तक शक्ति है तभी तक वह शिव कहलाते है बिना शक्ति के शिव भी शव समान के सामन हो जाते है। उनका अर्धनारीश्वर रूप हसी बात का प्रतीक है( स्त्री) और  पुरुष दोनो एक दूसरे के बिना अधूरे होते है और साथ मिलकर ही सम्पूर्ण होते है। शास्त्रों में वर्णन है कि जब कई जन्मों का पुण्य उदय होता है तब भगवान शिव की भक्ति मनुष्य को प्राप्त होती है इसलिए भगवान शिव की भक्ति बहुत दुर्लभ है पार्थ शिवलिंग प्रातः 8:00 बजे से प्रारंभ हो गया इस अवसर पर नरयावली विधानसभा क्षेत्र के लोकप्रिय विधायक प्रदीप लारिया, पंडित राजा रिछारिया, नगरपालिका  अध्यक्ष मिहीलाल, जिला पंचायत सदस्य शारदा बाई खटीक,दिनेश दक्ष, नरेंद्र रोहित, अंकित श्रीवास्तव लोकेश तिवारी, सहित अनेक जनप्रतिनिधि उपस्थित रहे।

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