ब्रह्माकुमारीज सेवा केंद्र पर होली मिलन समारोह मनाया गया
सागर/ गौरझामर। भारतीय संस्कृति की यही खूबसूरती है कि प्रत्येक त्योहार अपने आप में अनेक आध्यात्मिक गूढ़ रहस्यों को समेटे हुए है। हर त्योहार हमें शांति, सौहार्द, एकता और भाईचारा का संदेश देता है। इसलिए हमारी संस्कृति और सभ्यता सबसे विशाल और विराट है। होली अर्थात् पवित्र। होली का त्योहार अपने आप में कई महान आध्यात्मिक रहस्यों को समेटे हुए है। जो हमें संदेश देता है कि दुनिया में सबसे प्यारा,गहरा और स्थायी रंग है तो वह है परमात्म प्रेम का रंग। इस रंग में जो आत्मा एक बार रंग कर सराबोर हो जाती है तो उसका जीवन रंगमय, खुशनुमा बन जाता है। खुशी, उमंग-उत्साह,उल्लास का प्रतीक होते हैं। इस होली पर एक संकल्प हमारा हो कि आपस में बैर, बुराई, गले-शिकवे भुलाकर, मन के मैल को खुशी के रंग से धो डालते हैं। यह रंग पर्व आपके जीवन में नई उमंग,नव उत्साह और नव साहस लेकर आए और जीवन को खुश रंग बनाए।
उक्त उद्गार सेवा केंद्र संचालिका बीके लक्ष्मी दीदी ने व्यक्त किए। गुरुवार को ब्रह्माकुमारीज सेवा केंद्र पर होली स्नेह मिलन आयोजित किया गया। उन्होंने कहा कि इस बार जीवन में कांटों के समान चुभने वाली बातें, गलत आदतें और संस्कारों को स्वाहा कर उन्हें सदा के लिए तिलांजली दे दें। क्योंकि आपके जीवन को नव प्रकाश से भरने उसे खुशियों के रंग में रंगने परमात्मा नवदुनिया की सौगात लेकर आए हैं। होली के सात रंग, आत्मा की सात शक्तियों- ज्ञान, पवित्रता, प्रेम, सुख, शांति, शक्ति और आनंद का प्रतीक हैं। सतयुग में सभी आत्माएं इन सत्वगुणों से युक्त होती हैं। इसलिए वह सुख-शांति संपन्न दुनिया कहलाती है। अब फिर से हमें मनुष्य आत्माओं को इन गुणों से सजाने परमात्मा शिक्षा दे रहे हैं।
इस दौरान ब्रह्माकुमारी बहनों ने थाना पहुँच कर टीआई को होली की बधाई दी टीआई बीएम कुशवाहा ने कहा कि सभी लोग शांति के साथ मिलजुलकर होली मनाएं। होली तो भाईचारे और आपसी प्रेम का संदेश देती है, इसे बनाए रखें। ब्रह्माकुमारीज संस्थान देशभर में भारतीय संस्कृति के उत्थान को लेकर कार्य कर रही है। भाजपा की जिला महामंत्री उमा खटीक ने कहा कि भारत की शान हमारे गांव हैं और गांवों में आज भी प्रेम, स्नेह के साथ होली मनाई जाती है। इस दौरान परमात्मा को भोग लगाकर सभी का मुख मीठा कराया गया। साथ ही आत्म स्मृति का तिलक लगाकर होली की शुभकामनाएं दीं।
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