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डेयरी विस्थापन परियोजना स्थल हफसिली के पशु मेला क्षेत्र में गोवर्धन पूजन के अद्भुत आयोजन ने मेले का स्वरूप लिया

सागर। बुधवार को सागर के हफसिली में स्थित डेयरी विस्थापन परियोजना स्थल के पशुमेला क्षेत्र में पशुपालक संघ और नगर पालिक निगम सागर के सयुक्त तत्वाधान में ऐतिहासिक मेला सम्पन्न हुआ। गोबर से बने 101 फ़ीट लम्बे और 11 फ़ीट ऊँचे विशाल गिरराज गोवर्धन पर्वत को अपनी छोटी ऊँगली पर धारण किये भगवान श्रीकृष्ण के 30 फ़ीट के स्वरूप और गौओं की हर्षोल्लास से सभी ने पूजन किया। गिरराज गोवर्धन भगवान श्री कृष्ण को 56 भोग अर्पित किये गये और विशेष अन्नकूट पूजन कर प्रसादी वितरित की गई। जनप्रतिनिधियों ने भगवान श्रीकृष्ण गोवर्धन पर्वत और गौओं की पूजा अर्चना की। स्थानीय नागरिकों ने भी श्रद्धाभाव से भगवान के श्री चरणों में अपना प्रेम आस्था के पुष्प नारियल प्रसादी आदि अर्पित कर आशीर्वाद लिया। कार्यक्रम में पूजन के दौरान जनप्रतिनिधियों के साथ निगमायुक्त ने विशेष सुंदरता के साथ सजीधजी गाय और बछ्ड़े बछ्ड़ियों को माला पहनाकर गुड़, चना, चारा आदि खिलाया। स्थानीय गौ पालकों ने उत्साह के साथ दिवारी गाकर बरेदी नृत्य किया। लोक कलाकारों द्वारा आकर्षक मयूर रास नृत्य, बधाई के माध्यम से सभी को मोहित किया गया। सभी ने तालियां बजाकर सम्मान के साथ प्रसन्नता व्यक्त की। आकर्षक आतिशबाजी की गई।
सांसद श्रीमती लता गुड्डू बानखेड़े ने पूजन कर इस सांस्कृतिक आयोजन सराहना कर कहा की हमारी सांस्कृतिक विरासत को आगे बढ़ाने में मेलों और उत्सवों का अपना विशेष महत्व है। हफसिली में इस दिवाली के अवसर पर गोवर्धन पूजन का यह विशेष आयोजन यहां के रहवासियों सहित सभी को अपनी संस्कृति से जोड़ने का कार्य करेगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री मोहन यादव के प्रयासों से भारत आज सांस्कृतिक और धार्मिक पर्यटन का केंद्र बन रहा है। ऐसे समय में हफसिली में नवाचार कर प्रथम बार आयोजित यह सफल मेला कार्यक्रम आगामी समय में दूर दूर से लोगों को यहां आने के लिए आकर्षित करेगा।
विधायक शैलेन्द्र जैन ने हफसिली की अद्भुत छटा के बीच निर्मित गोवर्धन पर्वत श्रीकृष्ण और गौओं आदि का स्वरूप देखकर अथक प्रयासों की सराहना करते हुए कहा की आज का यह खास दिन भगवान श्री कृष्ण की कृपा और आशीर्वाद का मुख्य त्यौहार है अतिवर्षा से अपने प्रिय बृजवासियों की रक्षा हेतु श्रीकृष्ण ने गिरराज जी को अपनी ऊँगली पर धारण कर गोबर का महत्व बताया। यह प्रकृति और जीवन का एक अभिन्न अंग है जिसे हमें सम्मान देना चाहिए। गोबर को गो-धन का प्रतीक माना जाता है और यह पर्यावरण के लिए भी बहुत उपयोगी है। इस घटना के बाद से लोग गोवर्धन पूजा के दिन गोबर से पर्वत बनाते हैं ताकि यह संदेश दिया जा सके कि पर्यावरण के हर छोटे से छोटे हिस्से का सम्मान करना चाहिए।
निगमाध्यक्ष वृंदावन अहिरवार ने गोवर्धन पूजन कर कहा की आज का यह आयोजन हफसिली सहित सागर में नया इतिहास रचकर एक सांस्कृतिक परम्परा का निर्माण करेगा। सागर शहर से डेयरी विस्थापन परियोजना हेतु चयनित इस स्थल का प्राकृतिक वातावरण बाकई अद्भुत है यहां पशुओं के लिए अनुकूल वातावरण है। शहर की सभी डेरियां यहां संचालित होने से एक नए शहर के रूप में यह विकसित होगा साथ ही सागर शहर को पशुविचरण मुक्त बनाया जा सकेगा।
*जिलाध्यक्ष श्याम तिवारी* ने हफसिली में बनाये गए गोवर्धन गिरराज भगवान श्रीकृष्ण की पूजा अर्चना की और सभी को पावन पर्व की शुभकामनायें देते हुए कहा की कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि के दिन गोवर्धन पूजा का त्योहार मनाया जाता है। यह दिवाली उत्सव का प्रमुख दिन माना जाता है। यहां गोवर्धन अन्नकूट पूजन उत्सव बड़े स्तर पर हर्षोल्लास और धूमधाम से मनाया जा रहा है यह देखकर आत्मीय प्रसन्नता मिली। उत्सव त्यौहार सभी में खुशियों के साथ नव ऊर्जा का संचार करते हैं और यह खास आयोजन स्थानीय रहवासियों में नई उमंग और ऊर्जा का संचार करेगा। हम देख रहे हैं बच्चों के साथ बड़ी संख्या में महिलाएं भी पूजन कर रहीं हैं यह मेला संस्कृति के विकास में मील के पत्थर का कार्य करेगा।

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