- कथा सुनने की ललक और तत्परता ही कृष्ण लीला में प्रवेश का मार्ग है-पं इंद्रेश जी महाराज
दबंग बुन्देलखण्ड
सागर। कथा के चौथे दिन भगवान श्रीकृष्ण का जन्मोत्सव धूमधाम से मनाया गया। कृष्ण जन्म के प्रसंग शुरू होते ही पंडाल में मौजूद श्रद्धालु नंद के घर आनंद भयो जय कन्हैया लाल की भजनों के साथ झूम उठे। श्री कृष्ण जन्म की खुशी में कथा स्थल को विशेष रूप से सजाया गया था। नन्हें बालक को कृष्ण के रूप में सजाकर पंडाल में लाया गया था। इस दौरान भक्तों ने बाल कृष्ण को दुलार किया। कथा पूज्य श्री पं. इन्द्रेष जी महाराज श्री ने गोद में बिठाकर बाल स्वरूप श्री कृष्ण उपस्थित श्रद्धालुओं को कराये एवं मुख्य यजमान अनुश्री शैलेन्द्र कुमार जैन विधायक सागर ने बाल स्वरूप में श्रीकृष्ण का पलना झुलाया। श्रीकृष्ण जन्मोत्सव उपरान्त उपस्थित श्रद्धालुओं को माखन मिश्री की प्रसादी वितरित की गई एवं मुख्य यजमान अनुश्री शैलेन्द्र कुमार जैन विधायक सागर ने अतिप्रसन्नता के साथ उपस्थित श्रद्धालुजनों को विभिन्न खेल-खिलनों एवं उपयोगी वस्तुओं की व्यास मंच से वर्षा की। श्रीमद् भागवत कथा के चतुर्थ दिवस विश्व विख्यात कथा वाचक पूज्य श्री इंद्रेश जी महाराज ने अपने मुखारविंद से श्रीकृष्ण जन्म की कथा का वर्णन किया। उन्होंने कहा कि देवता अगर आकाशवाणी नहीं करते तो ठाकुर जी सहजता से जन्म ले लेते, लेकिन ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि राक्षस कंस अपनी बहन के विवाह में विदाई के समय रथ हांक रहा था। तब देवताओं ने उसका क्रूर रूप प्रकट करने ऐसा किया। लेकिन जब ठाकुर जी देवकी के गर्भ में आये। मथुरा की क्रूरता सौम्यता में बदलने लगी वहां का रंग बदलने लगा था। देवकी मैया के गर्भ से दिव्य तेज प्रकट हुआ और भगवान का प्रादुर्भाव हुआ। कंस के कारागार में वासुदेव- देवकी के यहां भादो मास की अष्टमी को रोहिणी नक्षत्र में भगवान श्रीकृष्ण का जन्म हुआ था। इंद्रेश जी महाराज ने श्रद्धालुओं को बताया कि जिस समय भगवान कृष्ण का जन्म हुआ जेल के ताले टूटे और पहरेदार भी सो गए थे। वासुदेव देवकी बंधनमुक्त हुए। यह भगवान पर विश्वास से संभव होता है। संकट के समय भगवान पर भरोसा रखो कष्ट निश्चित दूर हो जाएंगे। उन्होंने कहा कि प्रभु की कृपा से कुछ भी असंभव नहीं है। कृपा न होने पर प्रभु मनुष्य को सभी सुखों से वंचित कर देते है। नंद जी के घर जैसे ही भगवान पहुंचते हैं पंडाल में श्रद्धालु नाच उठे। महाराज जी ने बताया कि यहां से भगवान श्री कृष्ण की बाल लीलाओं का वर्णन कर धर्म, अर्थ, काम व मोक्ष की महत्ता की कथाओं में प्रवेश करेंगे। उन्होंने कहा जब-जब अत्याचार और अन्याय बढ़ता है, तब-तब प्रभु का अवतार होता है। प्रभु का अवतार अत्याचार को समाप्त करने और धर्म की स्थापना के लिए होता है। जब कंस ने सभी मर्यादाएं तोड़ दी तब प्रभु श्रीकृष्ण का जन्म हुआ।
इससे पहले भागवत महापुराण के विभिन्न प्रसंगों का वर्णन करते हुए। उन्होंने भीष्म पितामह और कृष्ण का प्रसंग सुनाते हुए कहा कि मति संतान की तरह होती है। इसीलिए भीष्म ने अपनी मति के लिए सुयोग्यवार के रूप भगवान को उनके गन बताते हुए मांग लिया। कथा में उन्होंने बताया कि परिश्रम और ईमानदारी से कमाया हुआ धन हमेशा फल दाई होता है। जबकि कुमार्ग और बुरी संगति से कमाया हुआ धन बर्बादी का मुख्य कारण होता है। इसलिए सदैव कमाई का माध्यम सदमार्ग होना चाहिए। यह बात बालाजी परिसर में चल रही भागवत कथा के चौथे दिन वृंदावन धाम से आए कथावाचक पं. इंद्रेश महाराज ने कही।
उन्होंने कहा कि जीवन में यह संकल्प लें की आपके घर सदमार्ग से कमाया हुआ धन ही आएगा। परीक्षित प्रसंग के माध्यम से उन्होंने बताया कि कथा की ललक ततपरता होना चाहिए। बिनाना तत्परता के बृज में प्रवेश नहीं मिलता और ठाकुर जी की लीलाओं में रास नहीं आता। परीक्षित पहले मुक्ति मार्ग पूछ रहे थे तब सुखदेव जी ने उन्हें भक्ति का मार्ग बताया और भागवत कथा सुनाई। पूज्य पं. इन्द्रेष महाराज श्री ने कहा कि, विधायक शैलेन्द्र जैन ने आज सुबह कहा कि महाराज श्री जो आनंद जो दिनचार्या सुबह से पूजा पाठ, कथा में इतना आनंद आ रहा है कि, जीवन में कभी नहीं आया। महाराज श्री ने कहा कि विधायक जी के अटल बिहारी जी, द्वारकाधीष जी, राधा बल्लभ जी का आषीष है कि ये आनंद की अनुभूति आपको हो रही है।
श्रीमद् भागवत कथा के दौरान व्यास मंच पर विराजमान होकर परम पूज्य केरवना जी महाराज, श्रीमद् भक्ति प्रसाद ऋषिकेश गोस्वामी जी महाराज (राजघाट वाले), पं. नरहरिदास महाराज महंत वृंदावन बाग मंदिर सागर, जनादन दास जी महाराज ने कथा का श्रवण किया।
कथा व्यास परम पूज्य प.श्री इन्द्रेष जी महाराज ने अति सुन्दर मनमोहक भजनों के माध्यम से उपस्थित श्रद्धालुओं को भाव विभोर किया एवं श्रद्धालुओ ने भी मधुर भजनों पर जमकार भक्ति की। आयोजन समिति मीडिया प्रमुख श्रीकांत जैन ने बताया कि राज्य मंत्री धर्मेन्द्र सिंह लोधी, प्रदीप लारिया विधायक नरयावली, शैलेन्द्र बरूआ पूर्व अध्यक्ष पाठ्य पुस्तक निगम, डॉ. जी.एस. चौबे, प्रवीण गुप्त जी प्रांत प्रचारक स्वयं सेवक संघ, आस्तिक जी जिला प्रचारक स्वयं सेवक, रामकेष जी, मनोज जी, अनिल अवस्थी, धीरेन्द्र मिश्रा ने चतुर्थ दिवस श्रीमद् भागवत कथा में उपस्थित होकर कथा का श्रवण किया।
चतुर्थ दिवस की कथा प्रांरभ एवं विश्राम के पूर्व मुख्य यजमान अनुश्री शैलेन्द्र कुमार जैन विधायक सागर ने सपरिवार आरती की। आरती के दौरान, मिस एषिया टूरिज्म 2018 रही कु. तानिया मित्तल, वीरेन्द्र सिंह लोधी बंडा विधायक, हीरा सिंह राजपूत जिला पंचायत अध्यक्ष सागर, राजेन्द्र दुबे संपादक दैनिक भास्कर सागर, धीरेंद्र मिश्रा राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ, डॉ अनिल तिवारी, नारायण प्रसाद कबीर पंथी पूर्व मंत्री, रुपेश यादव पार्षद, देवेंद्र फुसकेले, डॉ अरविंद जैन, विष्णु आर्य, संजय मखारिया, प्रणव कनौआ, राजकुमार साहू, राजीव जैन सहित हजारों की संख्या में श्रद्धालुगण उपस्थित रहे।
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