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बाल दिवस के खास मौके पर फॉरेस्ट बीट देई,धर में धूमधाम से मनाया गया चाचा नेहरू का जन्मदिवस

पवई । 14 नवम्बर भारत के पहले प्रधानमंत्री, पंडित जवाहरलाल नेहरू की जयंती हर साल 14 नवम्बर को बाल दिवस के रूप में मनाई जाती है। इस बार बाल दिवस के इस विशेष अवसर पर पन्ना जिला वन पर क्षेत्र शाहनगर   बीट अंतर्गत वन विभाग द्वारा देई,धर के  शासकीय प्राथमिक शाला देई,धर में एक शानदार कार्यक्रम का आयोजन किया गया कार्यक्रम में वन विभाग के कर्मचारियों ने बच्चों के साथ मिलकर चाचा नेहरू को श्रद्धांजलि दी और उनके योगदान को याद किया

आयोजन की शुरुआत
कार्यक्रम की शुरुआत में सभी बच्चों और शिक्षकों ने एक साथ मिलकर चाचा नेहरू की तस्वीर पर फूल चढ़ाए और उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। कार्यक्रम में उपस्थित वन विभाग के कर्मचारियों ने बच्चों को पर्यावरण संरक्षण, वन्य,जीवों की सुरक्षा और हमारे प्राकृतिक संसाधनों के महत्व के बारे में बताया बच्चों को यह समझाने का प्रयास किया गया कि उनका योगदान भविष्य में एक बेहतर पर्यावरण बनाने में कैसे महत्वपूर्ण हो सकता है

मिठाइयाँ और उत्सव
चाचा नेहरू के जन्मदिन के इस खास मौके पर बच्चों को लड्डू और अन्य मिठाइयाँ वितरित की गईं। बच्चों के चेहरों पर हंसी और खुशी की लहर थी, क्योंकि इस दिन उन्हें न केवल मिष्ठान्न प्राप्त हुआ, बल्कि पर्यावरण और शिक्षा के महत्व पर भी जोर दिया गया। वन विभाग के कर्मचारियों ने बच्चों के साथ खेलने और बातचीत करने के दौरान यह संदेश भी दिया कि वे चाचा नेहरू की तरह समाज और देश की सेवा में अपने योगदान को महसूस करें

प्रेरणा देने वाली बातें:
कार्यक्रम में एक संक्षिप्त भाषण भी रखा गया, जिसमें वन विभाग के अधिकारी ने कहा, “पंडित नेहरू बच्चों के लिए हमेशा प्रेरणा स्रोत रहे हैं। उनका बालकों के प्रति अपार स्नेह और उनके जीवन में शिक्षा की महत्वपूर्ण भूमिका को हम सभी को समझना चाहिए। आज का यह दिन हमारे बच्चों को यह सिखाने का अवसर देता है कि हमारे पर्यावरण और वन्यजीवों की रक्षा करना भी उतना ही महत्वपूर्ण है जितना कि उनकी शिक्षा

शिक्षा और वन्यजीव संरक्षण पर ध्यान
बच्चों को यह भी बताया गया कि चाचा नेहरू का सपना था कि भारत के हर बच्चे को अच्छे से अच्छा शिक्षा मिले उसी तरह, वन विभाग आज बच्चों को यह समझाने की कोशिश कर रहा है कि अगर हम अपने पर्यावरण और वन संपदा का संरक्षण करेंगे, तो हमारे भविष्य का मार्ग भी उज्जवल होगा। इस अवसर पर बच्चों ने वन्यजीवों की सुरक्षा, जंगलों के महत्व और प्रकृति से जुड़ी कई छोटी-छोटी बातों पर भी चर्चा की

स्थानीय समुदाय की सराहना
कार्यक्रम के समापन पर स्कूल के प्रधानाचार्य ने इस तरह के आयोजन के महत्व को बताया और कहा, “आज के दिन हमें केवल चाचा नेहरू को याद नहीं करना चाहिए, बल्कि हमें उनके विचारों और कार्यों को अपनी जिंदगी में अपनाने की कोशिश करनी चाहिए स्थानीय ग्रामीणों और शिक्षकों ने भी इस पहल की सराहना की और कहा कि वन विभाग द्वारा बच्चों के बीच इस तरह के कार्यक्रम आयोजित करने से न केवल बच्चों को शिक्षा मिलती है, बल्कि यह पूरे समुदाय को पर्यावरण के प्रति जागरूक करता है
समाप्ति और धन्यवाद
कार्यक्रम के अंत में बच्चों ने एक साथ मिलकर नारे लगाए, हम सभी मिलकर करेंगे पर्यावरण का संरक्षण और “हमारा भारत, हरियाली से भरा हो वन विभाग के कर्मचारियों ने बच्चों का उत्साहवर्धन किया और उनके भविष्य के लिए शुभ,कामनाएँ दीं इस छोटे से कार्यक्रम ने बच्चों में न केवल चाचा नेहरू के प्रति स्नेह को और गहरा किया, बल्कि उन्हें पर्यावरण के प्रति भी संवेदनशील बना दिया
इस कार्यक्रम से यह स्पष्ट हुआ कि बाल दिवस केवल बच्चों के अधिकारों और उनके विकास के बारे में नहीं है, बल्कि यह हमें अपने पर्यावरण और देश की भलाई के लिए भी जिम्मेदारी निभाने की प्रेरणा देता है
इस कार्यक्रम में सम्मिलित विद्यालय के शिक्षक एवं छात्र अथवा वन विभाग के कर्मचारी आशीष कुमार पांडे वनरक्षक श्रीमती सत्या प्रभा सिंह वनरक्षक कुमारी रचना जादौन वनरक्षक उपस्थिति रही

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