पवई । विकासखंड पवई के खजुरूट गांव में रहने वाली सोमवती कुशवाहा की सोमवती कुशवाहा एवं उनके पति दोनों लोग खेती के साथ-साथ मजदूरी करते थे मजदूरी एवं खेती से होने वाली आमदनी से बमुश्किल दो बच्चों के साथ परिवार का भरण पोषण करते थे म0प्र0डे0 राज्य ग्रामीण आजीविका मिषन से ग्राम में बनने वाले समूहों से प्रेरित होकर उसने समूह में शमिल होने का इरादा बनाया इसके बाद अपने मुहल्ले की अपनी जैसी महिलाओं को जोड़कर समूह गौरैया समूह का गठन किया । गठन पश्चात सभी ने श्रीमती सोमवती को समूह का अध्यक्ष बनाया सोमवती समूह में जुडकर बहुत खुश थी सामुदायिक प्रशिक्षण केन्द्र पन्ना में सोमवती ने 07 दिवसीय कृषि सखी का प्रशिक्षण प्राप्त कर कृषि सखी का काम शुरू किया है सबसे पहले उसने अपने यहां सब्जी का उत्पादन शुरू किया सब्जी की लागत कम करने के लिये उसने भू नाडेप खाद, मटका खाद तैयार कर खेत में डालना शुरू किया तथा जैविक कीटनाषक नीमास्त्र, ब्रम्हास्त्र तथा अग्निआस्त्र का उपयोग करते हुए जैैविक सब्जी उत्पादन किया
सोमबती बाई बताती है मैने स्वंय जैैविक खाद, कीटनाषक दवाई का उपयोग किया है और अब मेंै जैैविक सब्जी उत्पादन करके हाट-बाजार मे बैचती हॅू मेरी सब्जी बाजार में सबसे जल्दी बिक जाती है
जो लोग मेरी सब्जी लेकर जाते हैं वो मुझसे से सब्जी खरीदते हैं एवं मेरे पक्के ग्राहक बन गये है और बताते है कि आपकी सब्जी स्वाद मे बहुत ही अच्छी है, सब्जी कहा की है कैसे उत्पादन करती हो तब सोमवती बताती है कि यह सब्जी जैविक तरीके से उगाई गई है इसमे गाय का गोबर, गौमूत्र, नीम के पत्ते एवं मटठा के द्वारा जैैविक खाद, कीटनाषक दवाइयों का उपयोग कर सब्जी का उत्पादन किया जाता है जिसे जैैविक सब्जी उत्पादन कहा जाता है
आज सोमवती व्यवसायिक रूप से जैैविक सब्जी का उत्पादन कर रही है जिससे उन्हें मासिक आमदानी रू 18000 रूपये से अधिक हो रही है सोमबती बाई बताती है की ’’मैं बहुत खुश हॅूं तथा मैं अपनी बेटी को कक्षा सातवीं में प्राइवेट स्कूल में पढ़ा रही हूॅं एवं अन्य महिला कृषको को भी जैविक खेती करने हेतु प्रेरित करती हूँ
सब्जी उत्पादन के अतिरिक्त सोमवती द्वारा पशुपालन एवं पिकअप वाहन भी खरीदा गया जिससे वह माल वाहन के रूप में कार्य किया जा रहा है
सोमवती बाई की वार्षिक आमदनी सोमवती दीदी की सब्जी उत्पादन से वार्षिक आय 1,08,000 कृषि सखी ड्राईव से 16000 दृ 20000 माल वाहन से 60000 कुल 188000 रूपये लगभग वार्षिक आय हो जाती है
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