पवई रेंज निकट-संकटग्रस्त पेंटेड स्टॉर्क से गुलजार, दुर्लभ ब्लैक स्टॉर्क की भी मौजूदगी
पवई । दक्षिण पन्ना वन मण्डल के वन परिक्षेत्र पवई में इन दिनों जैव विविधता का एक अत्यंत सुखद और उत्साहवर्धक दृश्य देखने को मिल रहा है। यहां एक पौधारोपण क्षेत्र में निकट संकटग्रस्त श्रेणी में शामिल सुंदर पक्षी पेंटेड स्टॉर्क (Painted Stork) की सैकड़ों की संख्या में मौजूदगी दर्ज की गई है। इसके साथ ही दुर्लभ ब्लैक स्टॉर्क (Black Stork) की उपस्थिति ने इस क्षेत्र के संरक्षण महत्व को और अधिक सुदृढ़ किया है।
सैकड़ों की संख्या में पेंटेड स्टॉर्क का एक साथ दिखाई देना इस बात का स्पष्ट संकेत है कि दक्षिण पन्ना वन मण्डल की आर्द्रभूमियां, जल स्रोत और प्राकृतिक आवास सुरक्षित एवं अनुकूल स्थिति में हैं। यह दृश्य न केवल क्षेत्र की उच्च पारिस्थितिक गुणवत्ता को दर्शाता है, बल्कि वन विभाग द्वारा किए जा रहे संरक्षण एवं प्रबंधन प्रयासों की सफलता को भी प्रमाणित करता है।
पेंटेड स्टॉर्क अपने आकर्षक गुलाबी-सफेद पंखों, लंबी पीले-नारंगी चोंच और शांत स्वभाव के लिए जाना जाता है। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इसे Near Threatened (निकट संकटग्रस्त) श्रेणी में रखा गया है, क्योंकि इसके प्राकृतिक आवासों पर लगातार दबाव बढ़ रहा है। वहीं ब्लैक स्टॉर्क एक अत्यंत सतर्क, शर्मीला और कम दिखाई देने वाला पक्षी है, जो प्रायः मानव गतिविधियों से दूर, शांत और स्वच्छ जल क्षेत्रों को ही अपना आश्रय बनाता है। इसकी मौजूदगी किसी भी क्षेत्र के लिए स्वस्थ और संतुलित पारिस्थितिकी तंत्र का मजबूत संकेत मानी जाती है।
हाल ही में प्रकृति संरक्षण कार्यकर्ता अजय चौरसिया द्वारा साझा की गई तस्वीरों में इन दुर्लभ और सुंदर पक्षियों की उपस्थिति स्पष्ट रूप से देखी जा सकती है। ये चित्र न केवल प्रकृति की अद्भुत खूबसूरती को उजागर करते हैं, बल्कि यह भी दर्शाते हैं कि दक्षिण पन्ना वन मण्डल वन्यजीव संरक्षण की दिशा में एक सुरक्षित और भरोसेमंद आवास के रूप में उभर रहा है।
दक्षिण पन्ना वनमण्डल अधिकारी ने कहा कि पवई क्षेत्र में पेंटेड स्टॉर्क एवं ब्लैक स्टॉर्क की उपस्थिति पन्ना के लिए गौरव, आशा और संरक्षण की सफलता का प्रतीक है। यह वन अमले के अथक प्रयासों और स्थानीय समुदायों के सहयोग का परिणाम है। भविष्य में भी वनमण्डल द्वारा जैव विविधता संरक्षण को प्राथमिकता दी जाएगी।
0 Comments