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इस संसार सभी का जन्म एक बार होता है पर ब्राह्मण दो बार जन्म लेता है- अनूप मिश्रा


- शिक्षाविद् स्व.जगदीश प्रसाद पांडेय जन्म जयंती सम्मान समारोह

- बरगद होते है पिता स्मारिका का विमोचन 


सागर। नगर के प्रसिद्ध शिक्षाविद रहे स्वर्गीय पं.श्री जगदीशप्रसाद पांडेय की स्मृति में बुधवार को रविन्द्र भवन में आयोजित जन्मजयंती सम्मान समारोह एवं बरगद होते है पिता स्मारिका का विमोचन कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में पधारे पूर्व सांसद एवं पूर्व मंत्री म.प्र.शासन पं.अनूप मिश्रा ने कहा  सभी का जन्म एक बार होता है पर ब्राह्मण का जन्म दो बार होता है। पहला जन्म मां के गर्भ से दूसरा जब गुरु के द्वारा यज्ञोपवीत धारण कराया जाता है इसलिए ही ब्राह्मण द्विज कहा जाता है द्विज के अनेक नियम धर्म होते है इन्हीं के कारण ब्राह्मण श्रेष्ठ कहे जाते है। ऐसे ही शीर्ष ब्राह्मण थे स्वर्गीय जे पी पांडेय आज उनको स्मरण करके गौरवान्वित हैं। विशिष्ट अतिथि के रूप में कार्यक्रम को संबोधित करते हुए भाजपा के जिलाध्यक्ष श्याम तिवारी ने कहा सागर के कुशल मार्गदर्शक की स्मृति में इस कार्यक्रम आयोजन के लिए आयोजकों की सराहना करने ही हम आए है क्योंकि दादा पांडेय जी हमारे ही नहीं सारे सागर के मार्गदर्शक थे।कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे डॉक्टर हरिसिंह गौर केंद्रीय विवि के कुलगुरु प्रो बाई एस ठाकुर ने कहा स्वर्गीय पांडेय जी का परिवार बरगद वृक्ष की तरह ही है उनके बेटे बेटी सभी एक ही भवन में रहकर अलग अलग कार्यों में संलग्न है। ये आजकल देखने को कम मिलता है। पांडेय जी सार्थक शिक्षा परिवार के साथ समाज को देकर गए हैं।कार्यक्रम में प्रमुख वक्ता के रूप में उपस्थित माखनलाल चतुर्वेदी विश्वविद्यालय भोपाल के पूर्व कुलपति एवं वरिष्ठ अंतरराष्ट्रीय पत्रकार दीपक तिवारी ने कहा वाद और विवाद से जो व्यक्ति परे होता है उसको मैं सही व्यक्ति मानता हूँ और इसी संदर्भ में पांडेय जी की बात कर रहा हूं वो वाद और विवाद से परे अद्भुत थे। मैंने अनेक बार उनसे कृषि,शिक्षा और महिला उत्थान पर विचार विमर्श किया है।सारस्वत अतिथि अवंतीबाई विश्वविद्यालय सागर के कुलगुरु प्रो विनोद मिश्रा ने कहा शिक्षा से जुड़ा व्यक्ति समाज निर्माण करता है वो अनुशासित होता है समय का पाबंद होता है और अपने शिष्यों, अधीनस्थों का परिवार की तरह ध्यान रखता है। ये सारे गुण पंडित जे पी पांडेय जी में थे। कार्यक्रम में आमंत्रित अतिथि विक्रम विश्वविद्यालय उज्जैन के पूर्व कुलपति अखिलेश पांडेय ने कहा आज के आधुनिक परिवार में जो बिखराव हो रहा है उसमें भी अपने बहुत बड़े परिवार को जोड़कर रखने वाले स्वर्गीय पांडेय जी अक्षय बट वृक्ष ही थे। एस वी एन विवि के संस्थापक कुलपति डॉ अनिल तिवारी ने कहा शिक्षा के साथ साथ अच्छी समाजसेवा भी की जा सकती है ये मुझे पांडेय जी ने सिखाया है वो हमारे समाज के आदर्श व्यक्तित्व थे। कार्यक्रम को अन्य वक्ताओं ने भी संबोधित किया। स्वागत भाषण बुंदेलखंड युवा मंच के अध्यक्ष पं. भरत तिवारी ने दिया। इंकमीडिया के डायरेक्टर आशीष द्विवेदी ने मंच से पांडेय जी का जीवन परिचय प्रस्तुत किया। सरस्वती वंदना का गायन मुकेश तिवारी एवं पूजन मंत्रोच्चार रामगोविन्द शास्त्री,रामचरण शास्त्री श्रीहरि,बालमुकुंद शास्त्री,रमाकांत त्रिवेदी,चतुर्भुज पांडेय,भगवत शास्त्री,श्रीराम दुबे आदि ने किया। बरगद होते हैं पिता स्मारिका का विमोचन उपरांत उसकी लेखिका डॉ मीनू पांडेय ने पुस्तक में समाहित सभी पक्षों का विस्तृत उल्लेख बताया।
*विभिन्न प्रकल्प के स्थापित पांच व्यक्तियों को सम्मानित किया गया*
कार्यक्रम में विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट कार्य के लिए पांच लोगों को सम्मानित किया गया। जिनमें मानसमणि सम्मान पुरोहित पुजारी विद्वत संघ के अध्यक्ष पं.शिवप्रसाद तिवारी, वयो श्रेष्ठ सम्मान जी एल छत्रसाल अध्यक्ष पेंशनर समाज, प्रेरक शिक्षक सम्मान सतीश पांडेय प्राचार्य बरारू, साहित्य सृजन सम्मान पवन रजक कवि नरयावली, जीव सेवा सम्मान परांग शुक्ला और बासु चौबे को दिया गया। पुरोहित पुजारी संघ और ब्राह्मण समाज की ओर से पप्पू तिवारी, रघु शास्त्री, रानू तिवारी, योगेश दीक्षित द्वारा पांडेय परिवार को श्रद्धांजलि पत्र भेंट किया गया। कार्यक्रम का संचालन डॉ अमर कुमार जैन ने किया। आभार पं.मनोज पाण्डेय ने व्यक्त किया। इस अवसर प रश्यामलम के अध्यक्ष उमाकांत मिश्रा ,सुशील पांडेय, डॉ दिवाकर मिश्रा, इंजीनियर राजेंद्र सिलाकारी, विवेक तिवारी, प्रभात पाण्डेय, प्रवीण पाण्डे, डॉ श्याममनोहर सिरोठिया, सुखदेवप्रसाद तिवारी, मनीष पांडेय, उमेश सराफ, पूरण सिंह राजपूत सहित बड़ी संख्या में साहित्य और समाज संगठनों के लोग उपस्थित रहे।

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